45 वीं GST council की बैठक : क्या पेट्रोल हो जाएगी सस्ता

45 वीं GST council की बैठक 17 सितंबर 2021 को उत्तर प्रदेश का राजधानी लखनऊ में हुआ हैं।














इस 45 वीं GST Council की बैठक में सभी राज्यों के वित्त मंत्री और कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री ने इसकी मेजबानी की है इस GST Council की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया है इतिहास में पहली बार हुआ है कि जब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई है। 



इस बैठक में कई फैसले लिए गए हैं चलिए सब को बारी-बारी से जान लेते हैं इस बैठक के दौरान जो है वित्त मंत्री ने घोषणा की है जो भी जीवन रक्षक दवाओं और Covid-19 से संबंधित दवाओं है उन पर GST tax में 31 दिसंबर 2021 तक छूट दिया जाएगा।इसमें यह भी निर्णय लिया गया कि जो भी महंगी medicine हैं उन पर GST tax में छूट दिया जाएगा 

जैसे उदाहरण के लिए zolgngelsma और viltepso जिनकी कीमत लगभग 16 करोड रुपए है।

ऐसे और भी दवाएं शामिल हैं जिनको जीएसटी में छूट दिया गया।    Amphotericin B  ( 0% GST ) Tocilizumab        ( 0% GST ) Remdesivir।        ( 5% GST ) Hemrin               ( 5% GST )

फार्मास्यूटिकल विभाग द्वारा अनुशंसित सात अन्य दवाओं पर GST की दर पहले के 12% से घटाकर 31 दिसंबर 2021 तक 5% कर दी गई है कैंसर से संबंधित दवाओं पर जीएसटी की दर भी पहले के 12% से घटाकर 5% कर दी गई है।

दिव्यांग और विकलांग लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों के लिए रेट्रो फिटमेंट किट पर जीएसटी दर को भी घटाकर 5% कर दिया गया है

जीएसटी के दायरे में पेट्रोलियम पदार्थ :-

इस काउंसल बैठक में एक और मुद्दा पर बहस किया गया की पेट्रोलियम पदार्थ को जीएसटी के दायरे में लाना इस मुद्दे पर कई राज्यों ने सहमति भि दि है और केरल और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों ने इसका विरोध किया है कहां है कि अगर पेट्रोलियम पदार्थ को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो इससे भारत की राजस्व में कमी आ जाएगी।

1 जुलाई 2017 को जीएसटी पूरे राज्य में लागू की गई थी तो उस समय पांच पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया था। जिसमें मुख्य रुप से पेट्रोल, डीजल, जेट फ्यूल, नेचुरल गैस, क्रूड आयल शामिल है यानी जिस पर आज भी GST नहीं लगता हैं। इस पर मुख्य रूप से केंद्र सरकार के द्वारा Excise Duty लगाया जाता है और राज्य सरकारों द्वारा इस पर Vat लगाया जाता है VAT एक प्रकार का शुल्क होता है जो राज्य सरकार द्वारा अपने अनुसार लगाया जाता है इसी कारण आप लोग देखते हैं कि हर राज्य में पेट्रोल और डीजल का दाम जो है अलग-अलग होता है।






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