China ने बनाया आर्टिफिशियल sun, बिल्कुल sun के जैसा

 आज हम artificial sun  के बारे में जानेंगे कि यह क्या है और काम कैसे करता है  


  • आर्टिफिशियल सुर्य क्या है ( what is artificial sun):-

आर्टिफीसीयल सन बिल्कुल हमारे सन की तरह काम करने वाला आर्टिफीसीयल सन ! जिसे चाइना ने बनाकर एक नया वल्ड रिर्काड बनाया हैं ! आइए हमलोग इसके बारे में जानते हैं । चीन के कत्रिम सूर्य EAST ने 101 सेकण्ड में 216 million degree फारेनहाइट ( 120 million digree celicious ) तापमान हासिल करके विश्व में एक नया रिर्काड बनाया और यह कत्रिम सूर्य अगले 20 सेकण्ड में 288 million degree फारेनहाइट ( 160million degree selsious ) का उच्चतम तापमान भी हासिल कर लीया जो अपने आप में एक रिर्काड हैं !!! और सबसे चौकाने वाली बात यह है की यह तापमान सूर्य के कोर के तापमान से 10 गुना अधीक हैं । हम आपको बता दे की सूर्य के कोर का तापमान लगभग 15 million degree ही पहुच पाता है जबकी चीन का ऐ कत्रिम सूर्य 10 गुना अधिक तपमान उत्पादन किया हैं ।









Artificial sun का क्या नाम है :-

चीन के इस कृत्रिम सूर्य का नाम EAST हैं यानी ( Experimental Advanced Superconducting Tokamok ) हैं ! आप इसे ऑट में EAST कह सकते हैं ! अब कुछ लोगो को कन्फूयजन होगा की EAST का मत्लब हिन्दी में पूरब तो नही ! तो मैं आपलोगो को बता दू की इस EAST का मतलब पूरब बिल्कुल नहीं होगा ! 

यह काम कैसे करता है :-

अब चलीय हमलोग इस EAST के बारे में जानते हैं की ये काम कैसे करता हैं और असल में ये हैं कया तो मै आपलोगो को बता दू की यह एक नाभीकीय रिएक्टर हैं और ये जो नाभीकीय रिएक्टर हैं यह रियक्टर उन्नत नाभिकीय संलयन ( Nuclear fusion ) की प्रकिया पर आधारित प्रयोगात्मक अनुसंधान उपकरण हैं ! इसिलीए इसे कत्रिम सूर्य भी कहा जाता हैं । और सबसे महत्वपूर्ण बात यह हैं की इस रियक्टर की उर्जा उत्पादन की प्रकिया सूर्य की उर्जा उत्पादन प्रकिया यानी नाभिकीय संलयन ( Nuclear fusion ) पर आधारति हैं और ये जो रियक्टर हैं यह चीन का एक सहर हैं हेफइ ( hefei ) में विज्ञान अकादमी के प्लाज्मा भौतिकी संस्थान में स्थित हैं ! ऐसा नही हैं की ये पहली बार हुआ हैं बल्कि इससे पहले भी यं प्रयाग हो चुका है हम आपको बता दे की EAST रिएक्टर का आपरेशन पहली बार 2006 में सुरू हुआ था हालकी उस समय इतनी मात्रा में उर्जा उत्पन्न नहीं हुआ था । चलीए अब हमलोग नाभीकीए संलयन ( Nuclear fusion ) के बारे में जात लेते हैं जीस पर ये जो कत्रीम सूर्य हैं EAST काम कारता हैं । नाभिकीय संलयन एक ऐसी प्रकिया है जिसके माध्यम से बड़ी मात्रा में कांबन उत्पन्न किए बिना उच्च स्तर की उर्जा का उत्पादन किया जाता है ! नाभिकीय संलयन की प्रकिया में दो हल्के परमाणू नाभिक मिलकर एक भारि परमाणु नाभिक का निर्माण करते हैं । हम आपको बता दे की इस प्रक्रिया में अत्यधिक मात्रा में उर्जा उत्पन्न होती हैं ! लेकीन अभी जो उर्जा निकाल रहा है वो ता सूर्य से भी ज्यादा निकल रहा हैं लेकीन बहुत कम समय तक हैं ! चीन के वैज्ञानीको का कहना हैं की अभी ज्यादा देर तक उर्जा उत्पन्न करने में अभी कुछ समय और लग सकता हैं अगर देखा जाए तो EAST का जो लक्ष्य हैं समुंद्र मे प्रचुर मात्रा में डयूटेरियम का उपयोग करके सूर्य की तरह परमाणु संलयन बनाना हैं ! एक लीटर समुद्री जल से डयूटेरियम परमाणु संलयन प्रतिकिया के माधयम से 300 लीटर गैसोलीन के बराबर उर्जा का उत्पादन कर सकता है आप सोच सकते हैं की यह कीतनी बड़ी मात्रा में उर्जा होगी ! ऐसा नहीं हैं की सिर्फ चाइना ही कत्रिम सूर्य पर काम कर रहा हैं , बल्किी बहुत सारे देश भी इस प्राजेक्ट में लगे हैं जीसमे हमारा भारत भी हैं ।। ITER ( International Thermonuclear Experimental Reactor ) यह एक international project जीसमें ( south coriea , japan raisa india etc. ) भी सामील हैं जो की फांस में स्थित है और यह 2035 में सूरू होगा और यह EAST से बहुत बडा progect होगा।अब चलते - चलते आपलोग कुछ प्रश्नो का उत्र दे दीजीए आप लोग इन प्रश्नो का उतर कामेंट बाक्श में दे सकते हैं Q.No1 ) : - What is full form of EAST ? Q.No.2 ) : - ये जो कत्रिम सूर्य है यह 20 सेकण्ड में कितनी उर्जा उत्पन्न कीया हैं

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