क्यों छात्र आत्महत्या कर रहे हैं, अभी भी कई पद खाली पड़े हैं।

 बेरोजगारी के कारण आत्महत्या :-
करीब दो साल पहले प्रयागराज में सिविल सेवा की तैयारी कर रहे एक युवक ने आत्महत्या कर ली थी वह युवक प्रयागराज में रहकर 2011 से UPPCS की तैयारी कर रहा था लेकिन परीक्षा पास न करने के कारण वह निराश होकर आत्महत्या कर लिया।




कुछ ऐसी घटना राजस्थान के धौलपुर में रह रहे युवक की है युवक आयुर्वेद कंपाउंडर भर्ती की तैयारी कर रहा था लेकिन परीक्षा में चयन ना होने के कारण उसने आत्महत्या कर ली उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि राज्य सरकार ने भर्ती नहीं निकाली और वह बेरोजगारी के कारण आत्महत्या कर रहा है।

और एक हाल ही की अप्रैल की घटना है कि हरियाणा के भिवानी जिले में 23 वर्षीय युवक पवन ने भारतीय सेना में नौकरी हासिल करने में असफल रहने पर 26 अप्रैल को आत्महत्या कर ली और आत्महत्या उसी मैदान में किया जिस मैदान में दौड़ता था।







































आत्महत्या की ऐसी घटनाएं बेरोजगारी की बढ़ती समस्या की ओर इशारा कर रहा है क्योंकि अगर हम National crime record bureau  ( NCRB ) के द्वारा दिया गए आँकड़ों के आधार पर बात करे तो बेरोजगारी की वजह से 2018 से 2020 तक 9140 लोगों ने आत्महत्या की है जिसमें साल 2018 में 2741, 2019 में 2851 और 2020 में 3548 लोगों ने बेरोजगारी की वजह से आत्महत्या की है 2014 की तुलना में 2020 में बेरोजगारी की वजह से आत्महत्या के मामले में 60% की वृद्धि दर्ज की गई है 
































जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में School of Computational and Integrative Science के प्रोफेसर शानदार अहमद के मुताबिक 6 साल में बेरोजगारी के कारण आत्महत्या के मामलों में 60% की वृद्धि बहुत खतरनाक है इनका कहना है कि यदि ध्यान नहीं दिया गया तो आगे हालात और भी खराब हो सकते हैं। 

  सरकारी नौकरियों में खाली पद :-

कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने संसद में जानकारी दी कि 1 मार्च 2020 तक केंद्र सरकार के विभागों में 872243 पद खाली थे।
एक लिखित जवाब में क्रमिक मंत्रालय ने यह जानकारी दी है कि 1 मार्च 2019 तक 910153 खाली पद और 1 मार्च 2018 तक 683823 पद खाली थे।
संसद में लिखित जवाब में कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि तीन बड़ी भर्ती परीक्षा एजेंसियों ने 2018-19 से 2020-21 तक 265468 भर्तियां की हैं इनमें Railway Recruitment Board ( RRB ) Staff Selection Commission ( SSC ) Union Public Service Commission ( UPSC ) शामिल हैं।

 भारतीय रेलवे में खाली पद :-

जानकारों का मानना है कि पिछले कुछ सालों से सिर्फ सरकारी नौकरियां ही नहीं बल्कि प्राइवेट नौकरियां भी कम होते जा रही है सरकार के पास लाखों पद खाली पड़े हैं। रेलवे जैसे क्षेत्र जो कि हर साल लाखों रोजगार पैदा करता है पद खाली होने के बाद भी रोजगार नहीं दिया जा रहा है क्योंकि सरकार निजीकरण की तरफ बढ़ रही है। क्योंकि भारत सरकार रेलवे को प्राइवेट हाथों में बेचना चाहती हैं
क्योंकि अगर हम आँकड़ों को देखें तो अभी भी भारतीय रेलवे के 68 विभागों में 250000 पद वर्षों से खाली पड़े हैं जिसमें technical और non technical पद शामिल है।
The new Indian express  द्वारा प्राप्त अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार उत्तर रेलवे क्षेत्र के तहत दिल्ली डिवीजन में सुरक्षा और तकनीकी श्रेणियों के तहत सबसे अधिक 6101 पद खाली है इसके बाद मध्य रेलवे के तहत मुंबई डिवीजन में 5670 रिक्तियां हैं और प्रयागराज डिवीजन में 4268 रिक्तियां हैं समान श्रेणियों में सुरक्षा एवं तकनीक श्रेणियों के अंतर्गत स्वीकृत कुल 628000 पदों में से कुल 111003 पद तथा गैर तकनीकी श्रेणी के अंतर्गत कुल 452825 स्वीकृत पदों में से 91649 पद खाली हैं। ऐसे ही कई डिवीजन में जो पद खाली पड़े हैं फिर भी सरकार रोजगार नहीं दिया जा रहा है। 
क्योंकि सरकार जानबूझकर रेलवे की स्थिति खराब कर रही है ताकि इसे प्राइवेट के हाथों में बेचा जा सके क्योंकि पिछले 6 वर्षों में 72000 से अधिक खाली पदों को समाप्त कर दिया गया है जिनमें से अधिकांश group C और group D के पद शामिल हैं। 

और रोजगार ना देने के कारण भारत में बेरोजगारी दर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है क्योंकि Centre for monitoring Indian economic ( CMIE )  के आंकड़े के मुताबिक भारत की बेरोजगारी दर अप्रैल महीने में बढ़कर 7.83% हो गई है जो मार्च में 7.60% थी।

भारतीय सेना में खाली पद :-
अगर हम भारतीय सेना में खाली पद की बात करें तो भारतीय सेना में अभी भी 97000 से ज्यादा पद खाली पड़े हैं
भारतीय सेना में कुल पदों की संख्या जो है 1229560 है जिनमें से 97177 पद खाली पड़े हैं ।
भारतीय रक्षा मंत्रालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक भारत सरकार ने पिछले 7 सालों में प्रतिवर्ष औसतन 60000 जवानों की भर्तियां करती है और भारतीय सेना में हर साल 60000 कर्मी रिटायर होते हैं
अगर हम आंकड़े देखें तो 2013-14 में 54186 जवानों, 2014-15 में 31911 जवानों, 2015-16 में 67954 जवानों, 2016-17  में 71804 जवानों ,2017-18 में 52447 जवानों, 2018-19 में 50026 जवानों और वहीं 2019-20 में 80572 जवानों की भर्तियां की गई हैं।
भारत उन देशों में से एक है जहां पर सेना में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है लेकिन भारतीय सेना में खाली पद होने के बाद भी जो भर्तियां नहीं निकाली जा रही है इस पर भारत सरकार के द्वारा बयान में कहा गया है की इसका मुख्य कारण corona काल है लेकिन इस पर विश्लेषकों का कहना है कि यह सच्चाई नहीं है भारत सरकार सेना का आकार घटाना चाहती है ऐसा इसलिए क्योंकि भारत के रक्षा बजट 70 अरब डॉलर का आधा से अधिक हिस्सा यानी 60% सैनिकों की सैलरी और पेंशन देने में खर्च हो जाता है।
क्योंकि अमेरिका और चीन के बाद भारत सेना पर खर्च करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है इसके अलावा भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयात करने वाला भी देश है।












Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

NDA V/S I.N.D.I.A क्या भारत का लोकतंत्र खतरे में है? क्या मोदी सरकार देश को अंदर ही अंदर खोखला कर रही है .....

AUKUS और QUAD बीच अंतर क्या है : PM Modi अमेरिका पहुंचे।